सड़क, पुल, जलापूर्ति, शिक्षा और बिजली सहित बुनियादी ढांचे के लिए बड़ी पहल
गया। नक्सल प्रभावित इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मंगलवार को बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने इमामगंज प्रखंड के डिघासीन गांव में आयोजित जनसभा के दौरान 235 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 60 विकास योजनाओं का शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं में सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, जलापूर्ति, सिंचाई, विद्युत आपूर्ति और शैक्षणिक ढांचे से जुड़ी अहम योजनाएं शामिल हैं। मंत्री ने मंच से स्पष्ट किया कि इमामगंज अब विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेगा और हर गांव तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी।

“हर गांव तक पहुंचेगी विकास की रोशनी”
डॉ. संतोष सुमन ने कहा, “आज 235 करोड़ की लागत से 60 योजनाओं की नींव रखी गई है। हमारा लक्ष्य है कि हर गांव तक विकास की रोशनी पहुंचे। आने वाले दिनों में और भी करोड़ों की योजनाएं लाई जाएंगी।” उन्होंने बताया कि इमामगंज क्षेत्र में लगभग एक हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य प्रस्तावित हैं, जिन पर चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश, जनता से संवाद
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन पर जोर दिया। साथ ही बीस सूत्री कार्यक्रम के सदस्यों और आम जनता से भी संवाद किया।
जनता द्वारा रखी गई कई समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया, जबकि कुछ मामलों में संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए। डॉ. सुमन ने भरोसा दिलाया कि जन समस्याओं के निराकरण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
जनता में उत्साह, पहली बार इतने बड़े स्तर पर पहल
गौरतलब है कि इमामगंज जैसे संवेदनशील और लंबे समय से उपेक्षित रहे क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से मंत्री का स्वागत किया और क्षेत्र के लिए और भी योजनाओं की मांग रखी।
इस पर मंत्री ने कहा, “हर कार्य एक प्रक्रिया के तहत होता है और उसे पूरा करने में समय लगता है। आप धैर्य रखें और सहयोग दें, सभी कार्य पूरे किए जाएंगे।” मंत्री सुमन सुबह से देर शाम तक विभिन्न शिलान्यास, उद्घाटन और जनसंवाद कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल रहे, जिससे क्षेत्रीय जनता में सकारात्मक संदेश गया और विकास को लेकर उम्मीदें और अधिक प्रबल हुईं।