बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘दाना’ अब कमजोर हो गया है, लेकिन इसका प्रभाव बिहार में दिवाली तक यानी 31 अक्टूबर तक दिखने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, आसमान में बादल बने रहेंगे, और राज्य के दक्षिण-पूर्वी इलाकों जैसे बांका, कैमूर में 28 अक्टूबर तक हल्की बूंदाबांदी जारी रहेगी। शनिवार को भी बादल और हल्की बारिश का सिलसिला बरकरार रहेगा।
तूफान ‘दाना’ के चलते शुक्रवार को भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और मुंगेर में कुछ जगहों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश भागलपुर में 11 मिमी और कटिहार में 7 मिमी दर्ज हुई, जिससे राज्य के अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई।
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को बिहार के 19 जिलों में बादल छाए रहेंगे। इनमें नालंदा, जहानाबाद, शेखपुरा, गया, नवादा, लखीसराय, जमुई, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे जिले शामिल हैं। इन क्षेत्रों में 10-20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
शुक्रवार को पटना में दिनभर बादल छाए रहे, और दोपहर के बाद हल्की बारिश हुई जिससे मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग ने बताया कि इस पोस्ट मानसून सीजन में राज्य में औसत 14.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 74% कम है।
तूफान ‘दाना’ का कृषि पर असर
तूफान से चल रही तेज हवाओं ने कई जिलों जैसे नवादा, गया, नालंदा, जमुई, भागलपुर, कटिहार में धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह के अनुसार, इस बारिश से धान की पकी फसल को 20-30 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना है। अधिक नमी के कारण तिलहनी और दलहनी फसलों की बुआई में भी देरी हो सकती है। सब्जियों की फसल, खासकर आलू, कद्दू और धनिया पत्ता पर इस बारिश का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे नए सीजन की आलू की फसल में भी रुकावट आ सकती है।
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