गया। बोधगया प्रखंड के जैतियां गांव से एक ऐसा हृदयविदारक दृश्य सामने आया जिसने हर किसी की आंखों को नम कर दिया। एक ओर जहां गांव में बेटी की डोली बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ निकली, वहीं कुछ ही घंटों बाद उसी आंगन से पिता की अर्थी उठी। यह हृदयविदारक घटना गांव ही नहीं, पूरे इलाके को गमगीन कर गई।
जैतियां गांव निवासी सिद्धनाथ सिंह ने अपनी बेटी नेहा कुमारी का विवाह नालंदा जिले के देवधा गांव निवासी स्व. पशुराम सिंह के पुत्र गौरव कुमार के साथ बड़े ही उत्साह और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ संपन्न किया था। बारात का स्वागत भव्य तरीके से हुआ और विवाह समारोह भी पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। लेकिन विवाह की इस खुशियों भरी घड़ी में किसे पता था कि यह पल सिद्धनाथ सिंह के जीवन का अंतिम उत्सव बन जाएगा।

बताया जा रहा है कि जब समधी मिलन की रस्म चल रही थी, तभी अचानक सिद्धनाथ सिंह को सीने में तेज दर्द उठा। परिजनों ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्राथमिक जांच में यह हृदयाघात (हार्ट अटैक) का मामला बताया जा रहा है।
बेटी की डोली उठी ही थी कि पिता की अर्थी सजाई जाने लगी। इस दुखद संयोग ने परिवार को ही नहीं, पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। विवाह का उत्सव मातम में बदल गया। घर में जहां अभी कुछ घंटे पहले शहनाई बज रही थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है।
इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के गया जिला अध्यक्ष श्री बीरेंद्र सिंह शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए गहरी संवेदना प्रकट की और ईश्वर से प्रार्थना की कि वह इस असीम पीड़ा को सहने की शक्ति परिवार को प्रदान करें।