गया। जातीय जनगणना को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने गया के केंदुई स्थित जदयू कार्यालय में आयोजित एनडीए की संयुक्त प्रेस वार्ता में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना की पहल को लेकर विपक्ष केवल क्रेडिट लेने की होड़ में लगा है, जबकि यह ऐतिहासिक कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।
सुनील सिंह ने कहा कि तकनीकी रूप से जातीय गणना की आधारशिला पहले ही केंद्र सरकार द्वारा रखी जा चुकी थी। इसके आधार पर बिहार सरकार ने आरक्षण को लेकर जो ऐतिहासिक निर्णय लिया, वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जातीय गणना के आधार पर योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन धरातल पर संभव होता है, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिल सकता है।
‘सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर’
जदयू नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में जातीय जनगणना कराने का जो निर्णय लिया गया है, वह सामाजिक न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। बिहार में इसकी नींव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी, जिसे अब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का साहसिक फैसला लिया है।
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उनके पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है। वे केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए जातीय जनगणना पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, जबकि जनता सच जानती है और समय आने पर उन्हें करारा जवाब देगी।
एनडीए ने दिखाई एकजुटता
इस दौरान एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए जातीय जनगणना को एक ऐतिहासिक और जरूरी कदम बताया। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों को समुचित भागीदारी मिल सकेगी और देश समावेशी विकास की ओर अग्रसर होगा।
प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष विजय मांझी, हम पार्टी के नारायण प्रसाद मांझी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के जितेंद्र पासवान, जदयू प्रवक्ता कुमार गौरव, महानगर अध्यक्ष राजू बरनवाल, रंजीत कुशवाहा, बबन चंद्रवंशी, प्रकाश राम पटवा, शंकर चौधरी सहित एनडीए के कई नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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