राँची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित सात लोगों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी रांची और छत्तीसगढ़ में उन लोगों के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर की गई, जिन पर झारखंड सरकार की उत्पाद नीति में हेरफेर करके स्थानीय सिंडिकेट को शराब के टेंडर दिलाने और राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इस मामले की शिकायत अरगोड़ा के निवासी विकास सिंह ने रायपुर में आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज कराई थी। इस एफआईआर के आधार पर ईडी ने झारखंड में एक नया ईसीआईआर दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की। मंगलवार सुबह 6:30 बजे सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं जिनकी जांच जारी है।
प्रमुख आरोप: नकली होलोग्राम वाली शराब की बिक्री और कमीशन का खेल
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने झारखंड के कुछ अधिकारियों से मिलकर राज्य की आबकारी नीति में बदलाव करवा दिया, जिसके तहत देसी और विदेशी शराब के ठेके को सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया गया। इससे सरकारी खजाने को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ। साथ ही, सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम के साथ देसी शराब बेची और कमीशन के रूप में बड़ी रकम वसूली।
सिंडिकेट और अधिकारियों की मिलीभगत का नेटवर्क
जनवरी 2022 में अनिल टुटेजा के सिंडिकेट ने झारखंड में अवैध शराब कारोबार स्थापित करने के लिए अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर योजना बनाई। इन सभी ने झारखंड के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ करके छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के माध्यम से झारखंड में शराब की बिक्री का एक सिस्टम तैयार किया। इस सिलसिले में रायपुर में बैठकें भी हुईं, जिसके बाद 31 मार्च 2022 को नई उत्पाद नीति लागू की गई।
ईडी का छापा: ये हैं प्रमुख ठिकाने
ईडी ने इस मामले में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- विनय चौबे: मुख्यमंत्री सचिवालय के समीप, कांके रोड, रांची
- विनय सिंह: अनंतपुर, स्ट्रीट नंबर 3, रांची
- शिपिज त्रिवेदी: सेंट्रल अशोका कॉलोनी, अशोक नगर रोड, रांची
- गजेंद्र सिंह: गौतम ग्रीन सिटी, गेतलातु, बरियातू, रांची, एवं अन्य स्थान
- सिद्धार्थ सिंघानिया: अशोका पार्क, शंकर नगर, रायपुर
- आशीष राठौड़: डायमंड बी, शंकर नगर, रायपुर
- उदयराव: टावर नं. 4, भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़
जांच एजेंसी की इस व्यापक कार्रवाई ने झारखंड और छत्तीसगढ़ के शराब माफिया और सरकारी अधिकारियों की सांठगांठ को उजागर कर दिया है। मामले में प्राप्त सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे भविष्य में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।