गयाजी। जिले में दिल दहला देने वाली एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। रेप पीड़िता के घर इलाज के लिए पहुंचे एक ग्रामीण डॉक्टर को दरिंदों ने न सिर्फ घर से घसीट कर बाहर निकाला, बल्कि पेड़ से बांधकर इतनी बेरहमी से पीटा कि पूरा शरीर लहूलुहान हो गया। वजह? सिर्फ इतनी कि डॉक्टर ने पीड़ित परिवार के घर रेप पीड़िता की मां का इलाज करने पहुंच गया था।
घटना नक्सल प्रभावित गुरपा थाना क्षेत्र के एक गांव की है। मंगलवार को डॉक्टर जितेंद्र यादव को ग्रामीणों ने इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वह उस घर में पहुंचे थे, जहां की एक बेटी के साथ वर्ष 2021 में गैंगरेप हुआ था। दुष्कर्म के आरोपियों को डाक्टर रेप पीड़िता का मददगार नजर आया, और इसी ‘शक’ में उसकी जान लेने पर उतारू हो गए।
मदद मांगने निकली लड़की ने बचाई जान
घटना के समय पीड़िता की नाबालिग भांजी ने बहादुरी दिखाई। उसने डॉक्टर को पेड़ में बंधा हुआ और पिटते देखा, तो घर से भागती हुई मुख्य सड़क तक पहुंची। किस्मत से उसी समय डायल 112 की पुलिस गाड़ी सामने से आती दिखी। वह चीखती-चिल्लाती दौड़ी और पुलिस से मदद की गुहार लगाई। हाराखुरा गांव में पुलिस को आते हुए देख कर आरोपी भाग निकले।
डायल 112 की टीम जब गांव पहुंची, तब जाकर डॉक्टर को पेड़ से मुक्त किया गया। बुरी तरह घायल डॉक्टर को फतेहपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर मगध मेडिकल कॉलेज उसे रेफर कर दिया गया।
पीड़िता के परिवार ने खोला दर्द
पीड़िता के घरवालों का कहना है कि गांव के ही दबंगों ने 2021 में किशोरी से गैंगरेप किया था। मामला कोर्ट में चल रहा है। 30 मई को पीड़ित पक्ष की गवाही थी, जिसे रोकने के लिए लगातार दबाव और धमकी दी जा रही थी। मारपीट भी पहले दो बार हो चुकी थी। इसके बावजूद परिवार ने हार नहीं मानी और कोर्ट में गवाही दी।
गवाही के बाद शुरू हुआ जानलेवा खेल
गवाही देने के बाद से ही आरोपी पक्ष बौखलाया हुआ था। पीड़िता की मां ने बताया कि मंगलवार को तबीयत खराब हुई, तो डॉक्टर जितेंद्र को बुलाया गया। डॉक्टर के घर में घुसते ही आरोपी पक्ष के लोग झुंड बनाकर टूट पड़े। डॉक्टर को खींचकर पेड़ से बांधा और लोहे की रॉड, डंडों से जमकर पीटा। गांव के लोग चुपचाप तमाशा देखते रहे, कोई बीच-बचाव को आगे नहीं आया।