गया। आगामी पितृपक्ष मेला 2025 को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी की कमान संभाल ली है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष एवं पंडा-पुजारियों ने भाग लिया। बैठक में 6 से 21 सितंबर 2025 तक आयोजित होने वाले मेले की रूपरेखा और प्राथमिकता वाले कार्यों पर चर्चा की गई।

डीएम ने बैठक में स्पष्ट किया कि इस वर्ष मेला को भव्य, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए अभी से सभी विभागों को कार्ययोजना पर अमल शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और घाटों की संख्या को देखते हुए साफ-सफाई, सुरक्षा, जल-निकासी और विद्युत आपूर्ति जैसे मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गाद सफाई और घाटों की तैयारी
डीएम ने निर्देश दिया कि गयाजी डैम से घुघड़ीताड़ पुल तक नदी की गाद की सफाई का काम 15 जून से 20 जून तक दिन-रात अभियान के तहत किया जाए। साथ ही सरस्वती, धर्मारण्य और पितामहेश्वर वेदियों के आसपास भी सफाई कार्य कराए जाएं। वैतरणी तालाब के बंद पड़े लेजर शो और फाउंटेन को शीघ्र चालू कराने की जिम्मेदारी नगर आयुक्त को सौंपी गई है।
श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएं होंगी सुदृढ़

श्रद्धालुओं के आवास, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु स्थान चिह्नित करने तथा संबंधित रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया। डीएम ने स्पष्ट कहा कि मेला क्षेत्र की सभी सड़कें, नालियां और विद्युत व्यवस्था की पूर्व समीक्षा कर अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर जुलाई अंत तक स्थापित किए जाएं, ताकि किसी प्रकार की बिजली आपूर्ति में बाधा न हो।
स्वास्थ्य और परिवहन पर विशेष फोकस
स्वास्थ्य विभाग को मेले से पूर्व प्रचुर मात्रा में दवाएं, उपकरण और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। वहीं पार्किंग स्थलों के चयन के साथ ही वहां टॉयलेट और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया गया।
मेला क्षेत्र में आएंगी आधुनिक सुविधाएं
डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि इस बार मेला क्षेत्र को थीम आधारित सजावट, स्पेशल बस सेवा, सीवरेज सिस्टम का सुधार, ड्रोन सर्विलांस और AI आधारित चैटबॉट जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। इससे तीर्थयात्रियों को अद्यतन जानकारी व सुविधा मिलेगी।
सुझावों का हुआ आदान-प्रदान
बैठक में पंडा-पुजारियों और अफसरों से सुझाव लेकर मेला की कार्ययोजना को व्यापक और सहभागी बनाने की दिशा में पहल की गई। डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर जल्द से जल्द प्रगति रिपोर्ट सौंपने को कहा।