गया। विष्णुपद थाना क्षेत्र के घुघरीटांड़ बाईपास पर रविवार की शाम एक भीषण सड़क हादसे में गया नगर निगम के एक कर्मचारी की मौत हो गई। तेज रफ्तार हाईवा ने स्कूटी सवार को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि उनकी मौके पर ही जान चली गई। मृतक की पहचान माड़नपुर देवी स्थान मोहल्ला निवासी प्रकाश दास (उम्र लगभग 45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो नगर निगम में जमादार के पद पर कार्यरत थे। हाल ही में उनकी पोस्टिंग वार्ड संख्या 46 में की गई थी। रविवार को ड्यूटी खत्म कर वे अपने घर लौट रहे थे। हादसे के बाद हाईवा चालक मौके से फरार हो गया।
मौत की खबर से भड़का गुस्सा, ट्रक में लगाई आग

प्रकाश दास की मौत की खबर जैसे ही इलाके में फैली, स्थानीय लोग उग्र हो उठे। लोगों ने घुघरीटांड़ बाईपास को पूरी तरह से जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ ने टक्कर मारने वाले हाईवा को आग के हवाले कर दिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि ट्रक जलकर पूरी तरह खाक हो गया। मौके पर पहुंची दमकल टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

घटना की सूचना पाकर विष्णुपद थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत कराया। उन्होंने बताया कि आरोपी चालक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है।
नो एंट्री नियमों की लगातार हो रही अनदेखी, सड़क बनी मौत का रास्ता
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा किसी एक दिन की लापरवाही का नतीजा नहीं है। गया-बोधगया रिवर साइड रोड, जो कि घनी आबादी से होकर गुजरती है, अब तक कई लोगों की जान ले चुकी है। अधिवक्ता और स्थानीय नागरिक उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस सड़क पर दिन में नो एंट्री लागू रहती है, लेकिन बालू लदे ट्रक और हाईवा बिना रोकटोक यहां से गुजरते रहते हैं।
“जनवरी से अब तक आठ जानें इसी सड़क पर जा चुकी हैं। ट्रैफिक पुलिस, खनन विभाग और जिला प्रशासन—किसी की कोई सक्रियता नहीं दिखती,” उन्होंने कहा।
मृतक के घर में पसरा मातम
इस हादसे के बाद मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रकाश दास परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। घटना के बाद मोहल्ले में मातम पसरा है। स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने प्रशासन से दोषी वाहन चालक की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
घटना ने एक बार फिर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और भारी वाहनों की मनमानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोहराए न जा सकें।