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टोला सेवक भर्ती विवाद में हत्या के आरोपी नक्सली को पुलिस ने रायफल के साथ दबोचा

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गया। जिले के छकरबंधा थाना क्षेत्र के कचनार गांव में अप्रैल महीने की एक रात उस वक्त सनसनी फैल गई थी, जब गांव के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब इस मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने हत्या कांड में वांछित नक्सली राकेश कुमार उर्फ राकेश सिंह भोक्ता को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से एक देसी रायफल भी बरामद हुई है।

एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि 24 अप्रैल की रात कचनार गांव के जंगल में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूचना मिलते ही छकरबंधा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गया भेजा गया। परिजनों के बयान के आधार पर हत्या का केस छकरबंधा थाना में दर्ज किया गया था। यह मामला कांड संख्या 06/25 के तहत BNS की धारा 103(1)/61(2)/3(5) व 27 आर्म्स एक्ट में दर्ज किया गया।

पुलिस ने इस हत्याकांड को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक और इमामगंज के एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। इस टीम में छकरबंधा थाना के साथ-साथ STF और अन्य पुलिस अधिकारी शामिल थे। लगातार खुफिया इनपुट और छापेमारी के बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली और मुख्य आरोपी राकेश कुमार को पकड़ लिया गया।

बरामद रायफल पर नया केस दर्ज

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी राकेश कुमार के पास से एक देसी रायफल भी बरामद की। इस अवैध हथियार के मामले में एक अलग से केस दर्ज किया जा रहा है।

एसडीपीओ ने बताया कि इस हत्या में पहले ही दो अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। वहीं अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है।

कुख्यात नक्सली का सगा भाई है गिरफ्तार राकेश

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार राकेश कुमार का संबंध प्रतिबंधित नक्सली संगठन से है और वह कुख्यात नक्सली अखिलेश सिंह भोक्ता का सगा भाई है। अखिलेश सिंह भोक्ता पहले से ही फरार चल रहा है और कई गंभीर मामलों में वांछित है।

टोला सेवक भर्ती बना विवाद की वजह

इस हत्या कांड की जड़ें गांव में टोला सेवक की भर्ती से जुड़ी बताई जा रही हैं। दरअसल, कचनार स्कूल में टोला सेवक की नियुक्ति होनी थी, जिसके लिए गांव की दो महिलाओं ने आवेदन किया था। इनमें से एक महिला सत्येंद्र सिंह भोक्ता की भाभी थीं, जिन्होंने फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास की थी। ऐसे में वह पद के लिए मजबूत दावेदार मानी जा रही थीं।

वहीं दूसरी महिला, गांव के ही एक युवक की भाभी थीं। बताया जाता है कि दूसरा पक्ष सत्येंद्र सिंह भोक्ता पर दबाव बना रहा था कि वह अपनी भाभी का आवेदन वापस ले लें। लेकिन सत्येंद्र ने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद उसे धमकियां मिलने लगीं और धमकी मिलने के ठीक 15 दिन बाद 24 अप्रैल की रात उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस कर रही बाकी आरोपियों की तलाश

पुलिस अब इस मामले से जुड़े बाकी फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। एसडीपीओ ने बताया कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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