गया जिले के मेडिकल थाना क्षेत्र के श्री सानीचक गांव में माइक्रोफाइनेंस कंपनी से जुड़ा एक दर्दनाक मामला सामने आया है। लोन की किस्त चुकाने में हुई मामूली देरी के बाद कंपनी के कर्मचारियों की कथित बदसलूकी से आहत होकर एक महिला ने जहर खा लिया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। घटना के बाद मृतका के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
परिजनों के अनुसार, मृतका सुगिया देवी के बेटे रोहित चौधरी ने अपनी बहन की शादी के लिए कंपनी से तीन लाख रुपये का लोन लिया था, जिसमें से आधे से अधिक रकम चुका दी गई थी। हर महीने 3500 रुपये की किस्त चुकाने का नियम था, लेकिन कुछ परिस्थितियों के कारण पिछली दो किस्तें जमा नहीं हो सकीं। घटना के दिन रोहित अपने काम पर था, जब कंपनी के कर्मचारियों ने फोन कर तुरंत पैसा जमा करने का दबाव बनाया। शाम तक भुगतान करने का आश्वासन देने के बावजूद कर्मचारी उनके घर पहुंच गए और सुगिया देवी के साथ कथित तौर पर गाली-गलौज और बदसलूकी की।
रोहित के अनुसार, गांव वालों के सामने हुए अपमान से आहत होकर उनकी मां ने यह आत्मघाती कदम उठाया। ग्रामीणों ने भी इस घटना की पुष्टि की है। मृतका के पति रघुवीर चौधरी ने कंपनी के कर्मचारियों पर गरीब परिवारों के साथ दुर्व्यवहार और अनावश्यक दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि दो किस्तों की देरी पर इस तरह का आचरण कितना उचित है, जबकि अधिकांश राशि पहले ही चुका दी गई थी।
घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है, और ग्रामीणों ने माइक्रोफाइनेंस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।