गयाजी के पवित्र सूर्यकुंड में भीषण गर्मी और पानी की कमी ने मछलियों के लिए संकट खड़ा कर दिया है। हर दिन बड़ी संख्या में मछलियां मर रही हैं, जिससे कुंड में दुर्गंध फैल रही है और पर्यावरणीय संतुलन खतरे में पड़ गया है। स्थानीय लोगों और तीर्थ सुधारनी सभा ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए नगर निगम से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, सूर्यकुंड में पानी का स्तर तेजी से घट गया है, और तपिश के कारण पानी इतना गर्म हो चुका है कि मछलियों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है। यह उनकी मौत का प्रमुख कारण बन रहा है। तीर्थ सुधारनी सभा के पदाधिकारी गजाधर लाल कटारिया ने बताया, “पानी की कमी, गर्म पानी, और संभवतः किसी शरारती तत्व द्वारा कुंड में जहरीला केमिकल डालने की आशंका मछलियों की मौत के तीन मुख्य कारण हो सकते हैं।”

कुंड में पानी की आपूर्ति के लिए दो पंप लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से केवल एक ही कार्यरत है, और वह भी रविवार तक बंद था। तीर्थ सुधारनी सभा ने सोमवार को नगर निगम के मेयर गणेश पासवान को मौखिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मोटर चालू की गई। सभा ने मांग की है कि दोनों पंप तुरंत चालू किए जाएं और कुंड में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि मछलियों की जान बचाई जा सके और इस धार्मिक स्थल की पवित्रता बरकरार रखी जाए।
मेयर गणेश पासवान ने आश्वासन दिया है कि मोटर को चालू कर दिया गया है और अब यह नियमित रूप से चलेगी। इसके साथ ही एक कर्मचारी की तैनाती भी की गई है, जो स्थिति पर नजर रखेगा।

सूर्यकुंड गयाजी का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, और इसकी मछलियां स्थानीय लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं। इस संकट ने न केवल पर्यावरणीय चिंता को जन्म दिया है, बल्कि स्थानीय समुदाय की भावनाओं को भी आहत किया है। तीर्थ सुधारनी सभा और स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नगर निगम इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाएगा।