गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को गया जिला पूरी तरह योगमय रहा। जिले भर में आयोजित कार्यक्रमों के बीच सीताकुंड में आयोजित मुख्य योग शिविर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया और स्वस्थ जीवन का संकल्प लिया।
प्रातःकालीन सत्र में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योग कार्यक्रम में प्रतिभागियों को राजयोग की विधि एवं उसकी वैज्ञानिकता से अवगत कराया गया। बहन बबीता ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राजयोग के मानसिक और आत्मिक लाभों की व्याख्या की।
सियासी नेतृत्व ने साझा किया मंच, योग को बताया जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा

कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे भाजपा एमएलसी जीवन कुमार, विधायक वीरेंद्र कुमार, जदयू नेता धनंजय सिंह, अजीत शर्मा, अवध बिहारी पटेल समेत अनेक राजनीतिक हस्तियों ने आम नागरिकों के साथ बैठकर योगाभ्यास किया। उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए योग को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
एमएलसी जीवन कुमार ने कहा योग अब वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह भारत की सांस्कृतिक विरासत के रूप में दुनिया भर में सम्मानित हो रहा है। योग को अपनाना आज हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है।
विधायक वीरेंद्र कुमार ने कहा सीताकुंड जैसे पवित्र स्थल से पूरी दुनिया को स्वस्थ जीवन का संदेश दिया जाना गौरव की बात है। एक स्वस्थ शरीर ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। योगाचार्य जितेंद्र ने शिविर में प्रतिभागियों को विभिन्न आसनों और प्राणायामों का अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि योग के नियमित अभ्यास से हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ हुआ है।हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां वर्षों से परेशान मरीजों को योग से स्थायी राहत मिली है।
जन भागीदारी से कार्यक्रम रहा सफल
योग शिविर में समाजसेवियों, व्यापारियों, छात्रों, शिक्षकों, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आयोजन में अनुशासन और समन्वय का समुचित पालन हुआ। आयोजकों ने बताया कि भविष्य में भी इसी प्रकार से योग दिवस का आयोजन और विस्तार किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद अन्य गणमान्य व्यक्तियों में धनंजय शर्मा, अजीत शर्मा समेत कई सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने योग को जनस्वास्थ्य के लिए एक प्रभावी माध्यम बताया और इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।
गया के ऐतिहासिक स्थल सीताकुंड से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिया गया यह संदेश न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि योग आज सिर्फ एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की दिशा में एक ठोस कदम बन चुका है।