गया। नक्सल प्रभावित डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चपरासी विनोद मांझी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ पर गला दबाकर हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है। गले पर दबाव के निशान और रहस्यमयी हालात ने हत्या की आशंका को और गहरा दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और शव को पोस्टमार्टम के लिए गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है।

डुमरिया स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधक विजय ठाकुर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि विनोद की मौत लू लगने से हुई। हालांकि, परिजनों का कहना है कि स्टाफ ने पोस्टमार्टम न कराने के लिए उन पर दबाव बनाया। मृतक विनोद मांझी गया शहर के डेल्हा थाना क्षेत्र के निवासी थे। उनकी नियुक्ति डुमरिया स्वास्थ्य केंद्र में चपरासी के रूप में थी, लेकिन वर्तमान में वे गया कमिश्नर कार्यालय में तैनात थे।
परिजनों के मुताबिक, विनोद पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के कारण परेशान थे और बिल बनवाने के लिए दो दिनों से डुमरिया स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर काट रहे थे। सूत्रों का कहना है कि विनोद अपनी बेटी की शादी के लिए पीएफ खाते से लोन लेने की प्रक्रिया में थे और कागजात अपडेट कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र आए थे। इसी दौरान यह दुखद घटना घटी।
शनिवार देर रात विनोद की मौत की खबर मिलने पर परिजन डुमरिया पहुंचे। रविवार को कानूनी प्रक्रिया के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए गया लाया गया। मृतक के भाई छोटू मांझी ने पुलिस में आवेदन देकर मामले की गहन जांच की मांग की है। छोटू ने स्पष्ट आरोप लगाया कि उनके भाई की गला दबाकर हत्या की गई है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोग और परिजन निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।