मुजफ्फरपुर की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की मौत मामले में सरकार ने सख्त तेवर दिखाए हैं। पीएमसीएच में इलाज के दौरान लापरवाही सामने आने पर प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई का आदेश जारी करते हुए कहा है कि डॉ. अभिजीत सिंह ने अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और प्रशासनिक मोर्चे पर पूरी तरह फेल रहे।
मूकदर्शक बने रहे डॉक्टर
बताते चलें कि देश के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप जब पीड़िता से जुड़ी घटना को लेकर पीएमसीएच पहुंचे थे, उस समय यही डॉक्टर अभिजीत उनसे बातचीत कर रहे थे। लेकिन हालात बिगड़ते देख भी डॉ. अभिजीत चुपचाप तमाशा देखते रहे। उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था।
विभागीय आदेश में लिखा गया

प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि प्रभारी उपाधीक्षक द्वारा अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया गया, जो उनकी प्रशासनिक विफलता का परिचायक है।
अब क्या होगा?
डॉ. अभिजीत सिंह को हटाने का आदेश विशेष कार्य पदाधिकारी रेणु कुमारी ने जारी किया है। आदेश की प्रतियां वित्त, कोषागार, प्रमंडलीय आयुक्त, प्राचार्य, डीएम, सिविल सर्जन समेत तमाम संबंधित अफसरों को भेजी गई हैं।
राजनीतिक हलकों में भी हलचल
इस पूरे मामले को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष सरकार पर हमला बोल रहा है कि जब अस्पताल में ही सुरक्षित नहीं हैं बेटियाँ, तो कहां जाएं?
यह है पूरा मामला
मुजफ्फरपुर की एक नाबालिग लड़की के साथ हुई दरिंदगी के बाद उसे पीएमसीएच लाया गया था। इलाज में गंभीर लापरवाही और अनदेखी के आरोप लगे। अंततः उसकी मौत हो गई। इसी के बाद से पूरे बिहार में आक्रोश है और स्वास्थ्य विभाग दबाव में है।