गया। मातृ और शिशु स्वास्थ्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोमवार को गया के प्रभावती अस्पताल में जच्चा-बच्चा पोषण किट का वितरण किया गया। इस पहल की शुरुआत खुद जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने की। उन्होंने अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को पोषण किट सौंपी और स्वास्थ्य विभाग की इस नई योजना का औपचारिक शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राजाराम प्रसाद, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) नीलेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद थे।
डीएम ने बताया योजना का उद्देश्य
डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि यह योजना संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने और मातृत्व को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत पहले से मिलने वाली ₹1400 की राशि के साथ अब डिस्चार्ज के समय पोषण युक्त किट भी दी जा रही है, जो प्रसूता और नवजात के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे ग्रामीण इलाकों में जाकर इस योजना की जानकारी व्यापक रूप से दें ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।
जानिए किट में क्या-क्या है
डीपीएम नीलेश कुमार ने जानकारी दी कि इस पोषण किट में कुल 14 प्रकार की सामग्री शामिल की गई है।
प्रसूता के लिए—
- शुद्ध घी
- खिचड़ी प्रीमिक्स
- नमकीन दलिया
- खीर प्रीमिक्स
- प्रोटीन बार
- बेसन बर्फी
शिशु के लिए—
- चार प्रकार की जरूरी दवाइयाँ
इन पोषक सामग्रियों से जहां मां की कमजोरी दूर होती है, वहीं स्तनपान कराने में भी मदद मिलती है।
प्रसूताओं ने जताया आभार
अस्पताल में भर्ती महिलाओं ने डीएम से मुलाकात के दौरान अस्पताल की सेवाओं की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि समय पर जांच, आवश्यक दवाएं और अब पोषण से जुड़ी सामग्री भी उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि रोजाना 100 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास का संकेत है।
सरकारी अस्पतालों को मिलेगा नया आयाम
डीएम ने कहा कि यह योजना सिर्फ एक स्वास्थ्य पहल नहीं, बल्कि यह सरकारी अस्पतालों में प्रसव को प्राथमिकता देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे जहां गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलेगी, वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था में भरोसा और मजबूत होगा।