गया। आमस थाना क्षेत्र में शुक्रवार को हुई चंदन मांझी हत्याकांड की गुत्थी गया पुलिस ने महज तीन घंटे में सुलझा ली। इस मामले में पुलिस ने चंदन के तीन दोस्तों – विपीन कुमार, बंटी कुमार और सुजीत कुमार – को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपी मृतक के साथ उस दिन एक बंद घर में मुर्गा और शराब पार्टी कर रहे थे। इसी दौरान लापरवाही से चली गोली ने 24 वर्षीय चंदन की जान ले ली।
घटना से घबराए आरोपी भागे, शव छोड़ भाग निकले
एएसपी शैलेन्द्र सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि घटना के बाद तीनों युवकों ने चंदन की मौत की खबर को दबाने की पूरी कोशिश की। पर जब दोपहर बाद गांववालों को इसकी भनक लगी, तो पुलिस को सूचना दी गई। आमस थानाध्यक्ष अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
स्पेशल टीम ने शुरू की तफ्तीश, 3 घंटे में आरोपियों को दबोचा
एसएसपी के निर्देश पर नगर पुलिस अधीक्षक और शेरघाटी एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। इस टीम में आमस थाना के साथ तकनीकी शाखा के अफसरों और जवानों को शामिल किया गया। घटनास्थल की बारीकी से जांच की गई और गांववालों से पूछताछ के साथ-साथ तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्य आरोपी बंटी ने खोला राज – ऐसे हुई चंदन की मौत
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी बंटी ने पूरी घटना का खुलासा किया। उसने बताया कि 22 मई को सभी दोस्त एक बारात में गए थे, जहां एक युवक रविन्द्र के पास अवैध बंदूक थी। अगले दिन चंदन, सुजीत, विपीन और बंटी एक जगह पार्टी कर रहे थे। सुजीत ने बंदूक देखने की जिद की, जिसे विपीन लेकर आया। सुजीत ने बंदूक लोड कर दी। रविन्द्र ने चेताया कि उसमें गोली है, लेकिन इसी दौरान ट्रिगर दब गया और गोली सीधे चंदन के सिर में जा लगी। चंदन की मौके पर ही मौत हो गई।
एफआईआर दर्ज, अन्य आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस ने इस मामले में आमस थाना में कांड संख्या 157/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आर्म्स एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। एएसपी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि अन्य संभावित आरोपियों की तलाश भी जारी है।
क्या कहता है मामला?
यह घटना न सिर्फ एक युवक की असमय मौत की कहानी है, बल्कि यह लापरवाही, गैरकानूनी हथियार और दोस्तों की बचकानी हरकत का खतरनाक अंजाम भी है। सवाल यह भी उठता है कि आखिर युवाओं के बीच अवैध हथियार कैसे पहुंचे और ऐसे हथियारों का उपयोग क्यों हो रहा है?