गया: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में बिहार के गया जिले के इमामगंज में जनाक्रोश सड़कों पर उतर आया। रविवार शाम एनडीए कार्यकर्ताओं, प्रबुद्ध नागरिकों और स्थानीय लोगों ने विशाल कैंडल मार्च निकालकर हमले की कड़ी निंदा की। हाथों में मशाल और नारे लिखी तख्तियां थामे सैकड़ों लोग गांधी मैदान से मुख्य बाजार होते हुए डुमरिया मोड़ तक पहुंचे, जहां बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर स्मारक के समक्ष हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को मौन श्रद्धांजलि दी गई।

कैंडल मार्च के दौरान “हिंदुस्तान जिंदाबाद”, “हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहेगा हिंदुस्तान” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” जैसे नारे गूंजते रहे। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रूप से देखा गया। पूरा इमामगंज बाजार “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के उद्घोष से थर्रा उठा।
नेताओं ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय विधायक दीप मांझी ने मार्च को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदू पर्यटकों पर यह हमला न केवल अमानवीय है, बल्कि मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध है। भारत किसी भी चुनौती से कमजोर नहीं है। केंद्र सरकार ठोस कदम उठा रही है और आतंकवादियों को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।”
हम पार्टी की जिला अध्यक्ष रूबी देवी ने भी केंद्र सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “हम शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और मांग करते हैं कि आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाए कि वह दोबारा भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत न कर सके।”
प्रदर्शन में शामिल हुए सैकड़ों लोग
कैंडल मार्च में महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष रूबी देवी, जिला उपाध्यक्ष इकराम खान, प्रखंड अध्यक्ष रामप्रीत भारती, नगर अध्यक्ष उमेश प्रसाद स्वर्णकार, भाजपा नेता प्रेमचंद (निक्कू सिंह), मनोज सिन्हा, विद्या सिंह समेत सैकड़ों स्थानीय लोग शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान एकजुटता और देशभक्ति का जज्बा साफ झलक रहा था।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुआ इमामगंज
यह कैंडल मार्च न केवल आतंकी हमले के खिलाफ गुस्से का प्रतीक था, बल्कि इमामगंज की जनता की एकता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना को भी दर्शाता है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं।
(रिपोर्ट: इमामगंज संवाददाता)