आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना जितना जरूरी है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। खासकर थायराइड जैसी हार्मोनल बीमारियां धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती हैं, और जब तक पहचान होती है, तब तक शरीर में कई तरह की समस्याएं घर कर चुकी होती हैं।
थायराइड एक छोटी-सी ग्रंथि होती है जो गर्दन के सामने वाले हिस्से में पाई जाती है। यह ग्रंथि दिखने में भले ही छोटी हो, लेकिन इसका काम बेहद अहम होता है—यह शरीर के मेटाबोलिज्म को कंट्रोल करती है। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में थकान, वजन में बदलाव, बाल झड़ना, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
थायराइड के दो चेहरे: कौन-सा है आपके करीब?
- हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism): जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती, तो शरीर सुस्त पड़ने लगता है। वजन बढ़ने लगता है, दिल की धड़कन धीमी हो जाती है, और थकान हर वक्त बनी रहती है।
- हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism): इस स्थिति में हार्मोन ज़रूरत से ज़्यादा बनते हैं, जिससे वजन तेजी से घटता है, दिल तेज धड़कता है, नींद उड़ जाती है और हाथ कांपने लगते हैं।
क्यों होती है महिलाओं को थायराइड?
- हार्मोनल उतार-चढ़ाव: गर्भावस्था, मासिक धर्म और मेनोपॉज जैसे चरणों में हार्मोनल बदलाव इस बीमारी की जड़ बन सकते हैं।
- आयोडीन की कमी: भारत में कई इलाकों में आज भी आयोडीन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती, जो थायराइड के लिए बेहद जरूरी है।
- तनाव और अनियमित जीवनशैली: लगातार मानसिक तनाव और खराब खान-पान भी इस बीमारी को न्योता देते हैं।
बचाव है मुमकिन, बस चाहिए थोड़ी समझदारी
- आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें
- जंक फूड को कहें ना, और ताजा फल-सब्जियों को बनाएं दोस्त
- योग, प्राणायाम और ध्यान को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करें
- हर छह महीने में थायराइड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं
इलाज की राह
थायराइड का इलाज आज संभव और प्रभावी है। इसके लिए सबसे पहले TSH, T3 और T4 टेस्ट किए जाते हैं। रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर दवाएं या रेडियोएक्टिव थेरेपी जैसे विकल्प सुझा सकते हैं। समय पर इलाज शुरू कर देने से यह बीमारी पूरी तरह कंट्रोल में रखी जा सकती है।
घरेलू नुस्खे जो ला सकते हैं राहत
- हरा धनिया पानी: सुबह खाली पेट हरे धनिए का पानी पीना फायदेमंद हो सकता है
- लौकी का रस: थायराइड को बैलेंस करने में मददगार माना जाता है
- ब्राह्मी और अश्वगंधा: आयुर्वेद में इनके सेवन से हार्मोन बैलेंस करने के गुण बताए गए हैं
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। यह ब्लॉग किसी भी तरह की मेडिकल सलाह या इलाज का विकल्प नहीं है।