गया। गया जिले के बेलागंज प्रखंड अंतर्गत खनेटा गांव में चल रही तलाव की खुदाई के दौरान गुरुवार को एक प्राचीन दुर्लभ मूर्ति मिलने से क्षेत्र में कौतूहल और श्रद्धा दोनों का माहौल बन गया है। काले पत्थर से निर्मित यह मूर्ति लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गई है, जिसे लेकर गांववाले पूजा-पाठ और साफ-सफाई में लगे हुए हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, खनेटा गांव के दक्षिण-पश्चिम दिशा में दशकों पुराना एक प्राचीन पोखर मौजूद था। वर्षों से उपेक्षित यह पोखर अब लघु सिंचाई विभाग द्वारा पुनः खुदवाया जा रहा है। खुदाई के दौरान मजदूरों को लगभग ढाई फीट लंबी एक पत्थर की मूर्ति दिखाई दी, जिसे सावधानीपूर्वक मिट्टी से बाहर निकाला गया।
जैसे ही यह खबर गांव और आस-पास के इलाकों में फैली, बड़ी संख्या में लोग स्थल पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने मूर्ति को श्रद्धा के साथ धोकर साफ किया और पूजा अर्चना शुरू कर दी। मूर्ति में एक देवी आशीर्वाद मुद्रा में विराजमान हैं, जिनके दोनों ओर दो फुफकारते हुए नाग दर्शाए गए हैं। इस दृश्य को देखकर कई लोग इसे मनसा देवी मान रहे हैं, वहीं कुछ बुद्ध अनुयायी इसे बौद्ध धर्म की तारा देवी से जोड़ रहे हैं।
इस संबंध में बोधगया निवासी एवं बौद्ध धर्म विशेषज्ञ डा. शत्रुध्न दागी का कहना है कि मूर्ति की बनावट और प्रतीकात्मकता यह संकेत देती है कि यह देवी शत्रुनाश और सर्पदंश से रक्षा करने वाली हैं। तिब्बती बौद्ध परंपरा में तारा देवी के 108 रूपों में से यह एक रूप हो सकता है।
गांव के बुजुर्ग हरिनाथ प्रसाद का कहना है कि यह स्थान कभी धार्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा होगा, जो अब खुदाई के बाद पुनः उजागर हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा और अध्ययन के लिए उचित कदम उठाए जाएं।