
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। 91 वर्षीय डॉ. सिंह को सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल को आर्थिक सुधारों और विकास के लिए याद किया जाता है। इससे पहले, वे वित्त मंत्री रहते हुए 1991 में देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले सुधारों के मुख्य वास्तुकार थे।
डॉ. सिंह का राजनीतिक सफर भी बेहद प्रेरणादायक रहा। वे 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा के लिए चुने गए और छह बार राज्यसभा के सदस्य रहे। 2019 में राजस्थान से सांसद बने और 3 अप्रैल 2023 को उनका संसदीय कार्यकाल समाप्त हुआ।
कांग्रेस और देश को बड़ा नुकसान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और जनसेवक भी थे। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।”
डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत
डॉ. सिंह का जाना भारत के लिए एक युग का अंत है। उनकी सादगी, समर्पण और दूरदर्शिता ने उन्हें एक ऐसा नेता बनाया जिसे हर वर्ग का सम्मान प्राप्त था। उनका योगदान राजनीति और अर्थव्यवस्था से परे, हर भारतीय के जीवन में गूंजता रहेगा।