बेगूसराय के बरौनी जंक्शन पर हुई शंटिंग मैन अमर कुमार राउत की मौत के मामले में रेलवे की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रेलवे द्वारा जांच के बाद प्राप्त निष्कर्ष में यह पाया गया कि दुर्घटना का कारण दो कर्मचारियों—मो. सुलेमान (कौंटावाला) और अमर कुमार के बीच समन्वय की कमी और गलत संचार था।
जांच में सामने आया है कि 15204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस के शंटिंग के दौरान प्लेटफार्म पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और अन्य उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रेलवे अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला कि कौंटावाला मो. सुलेमान द्वारा गलत संकेत दिए जाने के कारण अमर कुमार राउत इंजन और बोगी के बीच फंस गए, जिससे उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। यह संकेत दुर्घटना का सीधा कारण बना, क्योंकि शंटर को यह निर्देश समझने में भ्रम हो गया।
जिम्मेदारी तय, अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी
रेलवे की जांच रिपोर्ट में मो. सुलेमान की जिम्मेदारी को सीधे तौर पर दुर्घटना का कारक माना गया है। बरौनी जंक्शन पर कौंटावाला के रूप में तैनात मो. सुलेमान की ओर से दिए गए गलत संकेत के चलते यह हादसा हुआ। अब इस आधार पर रेलवे की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
परिजनों में आक्रोश, स्थानीय लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया
मृतक अमर कुमार राउत के परिजनों ने घटना को लेकर रेलवे में सुधार की मांग की है। गौरतलब है कि अमर कुमार की शादी अगले महीने 11 दिसंबर को होने वाली थी और गांव में तैयारियां जोरों पर थीं। परिजनों का कहना है कि इस दुखद हादसे ने उनके परिवार की खुशियां छीन लीं।
DRM का बयान
डीआरएम विवेक भूषण सूद ने कहा कि घटना में हुई लापरवाही को गहराई से समझा जा रहा है। घटना की जांच पूरी हो चुकी है, और रेलवे अपनी टीम के भीतर समन्वय को और बेहतर बनाने के लिए उपाय करेगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।