गुरुवार सुबह हजारीबाग जिले के बरकट्ठा स्थित गोरहर थाना क्षेत्र में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। कोलकाता से पटना जा रही यात्रियों से भरी वैशाली बस तेज रफ्तार में पलट गई, जिसमें 5 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई और 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ, जब ड्राइवर को झपकी आ गई और सामने अचानक आए गड्ढे को बचाने की कोशिश में बस बेकाबू होकर पलट गई।
हादसे का मंजर: चीख-पुकार से गूंजा इलाका
बस पलटने के बाद अंदर बैठे यात्री बुरी तरह फंस गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे की आवाज सुनकर गांववाले मौके पर पहुंचे। उन्होंने बस की खिड़कियां तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला। हादसे के दौरान बस के नीचे दबे कई लोगों को निकालने में दो घंटे से अधिक समय लगा। स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क निर्माण में हो रही लापरवाही के कारण यहां हादसे आम हो गए हैं।
घायलों का अस्पताल में इलाज जारी
घायलों को तुरंत शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, हजारीबाग में भर्ती कराया गया। कुछ गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर किया गया है। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।
स्थानीय लापरवाही पर उठे सवाल
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बरकट्ठा इलाके में सिक्स लेन सड़क का निर्माण पिछले 6 सालों से चल रहा है, लेकिन अब तक केवल 2 किलोमीटर का काम ही पूरा हो सका है। सड़क की खराब स्थिति और निर्माण में लापरवाही ने हादसे को और गंभीर बना दिया। गांववालों का कहना है कि इस इलाके में हादसों का यह सिलसिला नया नहीं है। बीते दो वर्षों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हजारीबाग की डीसी नैंसी सहाय ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों और घायलों के परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने घायलों के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं। बरही के एसडीपीओ अजीत कुमार विमल ने कहा कि प्रथम दृष्टया ड्राइवर को झपकी आने की वजह से हादसा हुआ लगता है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क निर्माण कार्य में हो रही देरी और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। मृतकों के परिजन और स्थानीय लोग इस घटना से आक्रोशित हैं और ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हजारीबाग-बरकट्ठा सड़क कब सुरक्षित होगी, यह सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है।