गया के प्रभावती अस्पताल में महिला कर्मी से बदसलूकी का आरोप, कहा— खुश रखोगी तो सब ठीक रहेगा, वरना झूठे केस में फंसा दूंगा

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महिला थाना में एफआईआर दर्ज, अश्लील कॉल और धमकियों की जांच शुरू

गया। शहर के एकमात्र महिला अस्पताल, प्रभावती अस्पताल में कार्यरत एक डाटा एंट्री ऑपरेटर ने अधीक्षक डॉ. सत्येंद्र चौधरी पर संगीन आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि बीते कई महीनों से अधीक्षक द्वारा उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। लगातार अशोभनीय भाषा, गालियां, धमकी भरे संदेश और फोन पर की गई आपत्तिजनक बातचीत से वह मानसिक तनाव में आ गई थी।

महिला द्वारा महिला थाना में दी गई शिकायत के अनुसार, डॉ. चौधरी बार-बार उसे ऑफिस में बुलाकर अनुचित बातें करते और धमकाते थे। आरोप है कि उन्होंने यहां तक कहा— “अगर खुश करोगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी, वरना एससी/एसटी एक्ट में फंसा दूंगा।”

महिला का कहना है कि वह काफी समय तक इन बातों को नजरअंदाज करती रही, लेकिन जब उत्पीड़न की हद पार हो गई, तो उसने कानून का सहारा लिया। उसने बताया कि यह सिर्फ डराने की कोशिश नहीं, बल्कि उसके आत्मसम्मान और नौकरी को खत्म करने की साजिश है।

महिला थाना ने इस मामले में एफआईआर संख्या 21/25 दिनांक 26 अप्रैल 2025 को दर्ज की है। दर्ज मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएं 74, 75, 78, 79, 352, 351(2), 356(2) शामिल की गई हैं। आरोप है कि यह उत्पीड़न 29 अगस्त 2024 से 21 अप्रैल 2025 तक चला।

डॉ. चौधरी से इस बाबत संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे अस्पताल से नदारद मिले। कॉल करने पर भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। अस्पताल के प्रभारी सुपरिटेंडेंट रामजय प्रसाद ने कहा कि डॉ. चौधरी अवकाश पर हैं और महिला डाटा एंट्री ऑपरेटर बीते 5 महीनों से कार्यरत थी। उनके खिलाफ पहले भी कई कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। बाकी मामले की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है।

थाना प्रभारी के अनुसार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। फोन कॉल और अन्य सबूतों की तकनीकी जांच भी की जा रही है।

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