गया। बिहार से हज यात्रा का आगाज़ शुक्रवार को गया एयरपोर्ट से हुआ, जब पहले जत्थे ने मक्का-मदीना के लिए रुख किया। विदाई के मौके पर एयरपोर्ट पर एक भावुक और रूहानी माहौल देखने को मिला। हज पर रवाना होने वाले जायरीनों ने मुल्क की सलामती, तरक़्क़ी और अमन के लिए दुआएं मांगी। साथ ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया और आतंकवाद के खात्मे की दुआ भी की।
दो दिनों में रवाना होंगे गया से हाजी
बिहार हज कमेटी के सीईओ राशिद हुसैन के अनुसार, इस साल सूबे से कुल 2383 जायरीन हज के लिए जा रहे हैं। इनमें 1378 पुरुष और 1005 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 272 हाजी गया एयरपोर्ट से रवाना होंगे, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पटना हज भवन से बसों द्वारा लाया गया। पहले जत्थे में 145 हाजी शामिल रहे—86 पुरुष और 59 महिलाएं। यह फ्लाइट सुबह 11 बजे रवाना हुई।
गया एयरपोर्ट पर रही उम्दा व्यवस्था

जिला प्रशासन की ओर से गया एयरपोर्ट पर बेहतर इंतजाम किए गए थे। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मोहम्मद सुहैल, जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन, नोडल अफसर राहुल कुमार सहित कई अफसरों और वॉलिंटियर्स ने जायरीनों को गुलाब के फूल और बोर्डिंग पास देकर विदा किया। एयरपोर्ट परिसर में टेंट, ठंडा पानी, नाश्ता और मेडिकल सुविधा के साथ ही देर रात आने वाले यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था भी की गई थी।
सेवा में जुटे वॉलिंटियर्स, निभाया फर्ज़
करीब 50 स्थानीय स्वयंसेवक लगातार हाजियों की सेवा में जुटे हैं। ये वॉलिंटियर्स सामान उठाने से लेकर टर्मिनल तक पहुंचाने तक हर काम में सक्रिय हैं। सेवाभाव से जुड़े मोती करीमी बताते हैं कि वे पिछले 15 वर्षों से यह सेवा कर रहे हैं और इसे इबादत का हिस्सा मानते हैं।
जिला प्रशासन ने निभाई अहम भूमिका
डीएम डॉ. त्याग राजन ने जानकारी दी कि गया एयरपोर्ट से कुल दो दिन में उड़ानें निर्धारित हैं। प्रशासन की सतर्कता और बेहतर समन्वय के चलते हज यात्रा की शुरुआत बेहद सलीके से हुई है।